आयुक्त सूचना एवं प्रकाशन, संचालक एस.सी.ई.आर.टी., संचालक लोक शिक्षण संचालनालय,
मिशन संचालक राजीव गांॅधी शिक्षा मिशन एवं अतिरिक्त मिशन संचालक रा.गां.शि. मि.
पदेन सदस्य है। मनोनीत सदस्यो में माननीय मुख्य मंत्री द्वारा विभिन्न क्षेत्रों
में कार्यरत् व्यक्ति, जन प्रतिनिधि, पंचायत प्रतिनिधि शामिल है। इस सभा में मानव
संसाधन विकास मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा मनोनीत सदस्य एवं केन्द्र सरकार द्वारा
मनोनीत विभिन्न श्रेणियो कें व्यक्ति शामिल है। मिशन की कार्यकारिणी समिति के पदेन
अध्यक्ष, मुख्य सचिव, छत्तीसगढ़ शासन है। राज्य शासन के विभिन्न विभागों के
सचिव पदेन सदस्य है। राजीव गांधी शिक्षा मिशन के संचालक पदेन सदस्य सचिव है एवं माननीय
मुख्य मंत्री द्वारा मनोनीत विधायक एवं पंचायत प्रतिनिधि सदस्य के रूप में
शामिल है।
राजीव गांधी शिक्षा मिशन की स्थापना का मुख्य उद्देश्य निम्नानुसार हैः-
राजीव गांधी शिक्षा मिशन छत्तीसगढ़ मे प्राथमिक, मंध्यमिक एवं बुनियादी शिक्षा के
लोकव्यापीकरण का लक्ष्य प्राप्त करने के लिए गठित एक स्वायत्त और स्वतंत्र संस्था
हैं। इसका उद्देश्य बुनियादी शिक्षा का लोकव्यापीकरण अर्थात् एक समग्र कार्यक्रम
जिसके अंतर्गत शामिल है -
- 14 वर्ष तक की आयु के सभी पात्र बच्चो एवं 14 वर्ष से अधिक आयु के प्रौढ़ों को
बुनियादी शिक्षा की सुविधा उपलब्ध कराना।
- औपचारिक या औपचारिकेत्तर पद्धति से बुनियादी स्तर की पढ़ाई पूरी होनी तक सभी
बच्चो/प्रौं ढ़ की भागीदारी सुनिश्चित करना।
- सीखने का न्यूनतम अधिगम स्तर की प्राप्ति सुनिश्चित करना।
- महिला समानता एवं उनके सामथ्र्य मे विकास की प्राप्ति हेतु शिक्षा प्रणाली
में आवश्यक परिवर्तन करना
- अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति एवं अन्य वंचित वर्गों के बच्चों/पौढों को
बुनियादी शिक्षा मे समान रूप सें भाग लेने के लिए समर्थ बनाने हेतु उपाय करना।
- बुनियादी शिक्षा को जन साधारण की जरूरतो, संस्कृति, आजीविका और रहन-सहन से
जोड़ना।
- बुनियादी शिक्षा के विभिन्न घटको कें मध्य समन्वय स्थापित करना।
राजीव गांधी शिक्षा मिशन अपने इन उद्देश्यों की पूर्ति हेतु जहां एक ओर
प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक शिक्षा के विकास के क्षेत्र म प्रयासरत हैं, वही
शैक्षणिक संस्थाओं के विकास हेतु एवं बच्चे अच्छे वातावरण में पढ़ाई कर सके इस बाबत् विद्यालय
भवनों के निर्माण हेतु भी प्रयास करता है।
सर्व शिक्षा अभियान क्या है:
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प्रारंभिक शिक्षा (कक्षा 8 तक) के लिए एक निश्चित समय-सीमा सहित एक
कार्यक्रम।
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समूचे देश में स्तरीय बुनियादी शिक्षा की मांग की पूर्ति के लिए
अपेक्षित कार्यवाही।
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बुनियादी शिक्षा के माध्यम से सामाजिक न्याय को बढ़ावा देने का एक
अवसर।
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प्रारंभिक स्कूलों के प्रबंध मे पं चायती राज संस्थानों, स्कूल
प्रबंध समितियों, ग्राम और शहरी मलिन बस्ती स्तर की शिक्षा समितियों,
अभिभावक-अध्यापक संघो,माता-अध्यापक संघों, जनजतीय स्वायत्ता परिषदों तथा अन्य
मूलभूत स्तरीय तंत्रो को प्रभावीं रूप से सहयोजित करने का एक प्रयास।
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समूचे देश में सार्वजनीन प्रारंभिक शिक्षा के लिये राजनीतिक इच्छा
शक्ति की एक अभिव्यक्ति
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केन्द्रीय राज्य और स्थानीय सरकार के बीच एक भागीदारी ।
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राज्यों को प्रारंभिक शिक्षा की स्वयं अपनी परिकल्पना विकसित करने
का एक अवसर।
सर्व शिक्षा अभियान के लक्ष्य:
सर्व शिक्षा अभियान का लक्ष्य 6 से 14 वर्ष आयु वर्ग के सभी बच्चों को उपयोगी और
प्रासंगिक प्रारंभिक शिक्षा प्रदान करना है, साथ ही स्कूलों के प्रबंध में समुदाय
की सक्रिय सहभागिता सहित सामाजिक, क्षेत्रीय और लैंगिक विषमताओं को पाटने का एक
दूसरा लक्ष्य भी है।
सर्व शिक्षा अभियान उद्देश्य:
- सभी बच्चे स्कूंल, शिक्षा गारंटी केन्द्र, वैकल्पिक स्कूल, "वापिस स्कूल चलो"
शिविर मे शामिल।
- सभी बच्चों द्वारा पाच वर्ष की प्राथमिक स्कूल शिक्षा पूरी करना।
- सभी बच्चों द्वारा आठ वर्षो की प्रारंभिक स्कली शिक्षा पूरी करना।
- शिक्षा पर विशेष स्तर की प्रारंभिक ध्यान देना। जीवन के लिए शिक्षा पर बल देते
हुए संतोषजनक
- नवीन प्राथमिक शाला खोलने की स्वीकृति - ऐसे शिक्षा सुविधा विहीन बसाहटे
जिनकी दूरी निकटतम प्राथमिक एवं शिक्षा गारंटी स्कूल से एक किलो मीटर से अधिक हो
तथा वहां 6 से 11 वर्ष आयु समूह के पढ़ने वाले आदिवासी क्षेत्रो में 25 बच्चें एवं गैर
आदिवासी क्षेत्रों में 40 बच्चें उपलब्ध होने पर नवीन प्राथमिक शाला खोलने का
प्रावधान है ।
- शिक्षा गारंटी शाला का प्राथमिक शाला मे उन्नयन - एंसे शिक्षा गारंटी शालाए
जहा 30 या उससे अधिक बच्चें दर्ज है, प्राथमिक शाला में उन्नयन किया जाता
है ।
- उच्च प्राथमिक शाला खोलने की स्वीकृति - सर्व शिक्षा अभियान के अंतर्गत तीन
किलो मीटर की परिधि में उच्च प्राथमिक शाला की सुविधा प्रदान करने का प्रावधान
है। विशेष परिस्थितियों में एवं भौगोलिक दृष्टिकोण तथा छात्र संख्या
अपेक्षित होने पर दो प्राथमिक शालाओं पर एक उच्च प्राथमिक शाला खोलने की अनुमति
भारत शासन द्वारा दी जाती है ।
- निःशुल्क पाठ्य पुस्तको का वितरण - शासकीय एवं अनुदान प्राप्त शालाओं तथा अनुदान
प्राप्त मदरसो के लिये कक्षा पहिली से कक्षा आठवीं तक अध्ययनरत सभी वर्ग की
बालिकाओं एवं अनुसूचित जाति, अनुसूचित जन जाति वर्ग के बालको कों निःशुल्क पाठ्य
पुस्तक प्रदान किया जाता है।
- शिक्षकों के पदों की स्वीकृति - प्रत्येक प्राथमिक शाला में न्यूनतम दो
शिक्षक तथा शिक्षक छात्र अनुपात 1 अनुपात 40 में शिक्षक उपलब्ध कराने का
प्रावधान है। उच्च प्राथमिक शाला के अंतर्गत प्रत्येक शाला के लिये न्यूनतम तीन
शिक्षक तथा शिक्षक छात्र अनुपात 1 अनुपात 40 में शिक्षक उपलब्ध कराने का प्रावधान
है ।
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